तेरा हाथ

तेरा हाथ कस के 

पकड़ना चाहती हूं

कहीं तू खो ना दे खुदको

मेरी तरह

तेरे साथ आख़िर तक 

खड़े रहना चाहती हूं

कहीं तू साथ छोड़ ना दे खुदका 

मेरी तरह

तुझे हर बार 

माफ़ करना चाहती हूं

कहीं तू हर इल्ज़ाम न ले ले खुदपर

मेरी तरह

तुझे संभालने के लिए

हमेशा खड़ी रहना चाहती हूं

कहीं तू हार कर गिर ना जाए

मेरी तरह

तुझे बस सही वक्त पर 

सही मदद देना चाहती हूं

कहीं खो ना दूं तुझको

मेरी तरह

                                       - प्रावी

Comments

Popular posts from this blog

बसंत

घड़ी

घर