आख़िर तुम क्या कर सकोगे

आख़िर तुम क्या कर सकोगे....

जो हमेशा साथ खड़ा था सबके
वो अंत में अकेला रह गया

जो लड़ा सबके लिए
उससे अंत में ज़माना रूठ गया

जिसने माफ़ की सबकी गलतियां
उस पर अंत में इल्ज़ामों का पहाड़ टूट गया

जो जिया जिंदगी परिवार के खातिर
उससे अंत में उसका परिवार बिछड़ गया

और जो सहारा था सबका
वो अंत में एक कंधे को तरस गया

आख़िर तुम क्या कर सकोगे.....
   
                                            - प्रावी

Comments

Popular posts from this blog

बसंत

घड़ी

घर