मुझे खाली बैठना पसंद है

 मुझे खाली बैठना पसंद है

बैठकर सोचना पसंद है

ख़ुद में उलझना पसंद है

उलझ कर सुलझाना पसंद है

दूसरों को समझना पसंद  है

उनको समझाना पसंद है

सुबह का उजियारा पसंद है

और दिन का साँझ में ढ़ल जाना पसंद है

प्रकृति का खिलना पसंद है

खिलकर पत्तों का झड़ जाना पसंद है

वक़्त का थम जाना पसंद है

और बेवक़्त का इंतज़ार पसंद है

एकांत में गुम जाना पसंद है

गुम हो कर हर बार लौट आना पसंद है

मुझे मुझ-सा होना पसंद है

ना होना भी पसंद है

                                  - प्रावी





खुले आसमां तले

पेड़ की छाँव हो

और सर्द हवाओं के आलिंगन में

बस मैं और मेरी किताब हो



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